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Showing posts from November, 2022

Teaching Series:वर्तमान की कीमत

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#Teaching_Series  ✍️वर्तमान की कीमत पढ़िए जरूर...."क्योकि पढ़ोगे नहीं, तो सीखोगे कैसे!!" जॉन रस्किन की मेज पर सदैव एक सुंदर-सा पत्थर का टुकड़ा रखा रहता था, जिस पर कलात्मक ढंग से वर्तमान लिखा हुआ था। एक दिन एक मित्र पत्थर पर लिखे गए शब्द से बहुत प्रभावित हुआ उसने रस्किन से पूछा आपने इस पत्थर को इसकी सुंदरता के कारण रखा है या इस शब्द के कारण, मित्र का सवाल सुनकर रस्किन मुस्कुराए और बोले मैं इसकी सुंदरता से नहीं बल्कि इस पर लिखे गए शब्द से प्रभावित हूं। मेरे हाथ से कहीं वर्तमान यूं ही ना निकल जाए, इसलिए इस पत्थर को मैं हमेशा अपने पास रखता हूं, इसे देखकर मुझे यह याद रहता है कि मेरा हर क्षण कीमती है। मित्र वर्तमान की कीमत समझ गया था, वह वहां से तुरंत रफूचक्कर हो गया। Photo:साभार

Teaching Series:ऐसे थे तेनाली रामकृष्ण

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#Teaching_Series ✍️ ऐसे थे तेनाली रामकृष्ण (कलात्मक सत्य)......पढ़िए जरूर  "क्योकि, पढ़ोगे नहीं, तो सीखोगे कैसे!!" राजा कृष्णदेव राय की साहित्य में हाथ आजमाने की सूझी। उन्होंने दिमाग का खपाते हुए एक कविता लिख डाली और उसे अपनी पत्नी को सुनाया। पत्नी को खराब कविता को अच्छा बताना पति धर्म लगा तो उन्होंने कह दिया कि बहुत अच्छी कविता है, पर कृष्णदेवराय को संतुष्टि नहीं मिली। फिर उन्होंने सभी मंत्रियों को कविता सुनाकर उनसे उनकी राय पूछी, राजा की लिखी कविता है, यह सोच सभी मंत्री वाह-वाह करने लगे। राजा को फिर भी संतुष्टि नहीं मिली उन्हें लगा कि तेनालीराम ही इसकी सच्ची समीक्षा कर सकता है, उन्होंने तेनालीराम को बुलाया और उनसे पूछा तो वह कुछ रुके और फिर बोले महाराज आपका हर कार्य अव्वल होता है, आपने खराब कविता भी लिखनी चाही और उसमें भी सफल रहे, राजा सच समझ गए। Photo:साभार